Bhagavad Gita 4.2
एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदु: |
स कालेनेह महता योगो नष्ट: परन्तप
Translation
हे शत्रुओं के दमन कर्ता! इस प्रकार राजर्षियों ने सतत गुरु परम्परा पद्धति द्वारा ज्ञान योग की विद्या प्राप्त की किन्तु अनन्त युगों के साथ यह विज्ञान संसार से लुप्त हो गया प्रतीत होता है।