Bhagavad Gita 16.24

तस्माच्छास्त्रं प्रमाणं ते कार्यकार्यव्यवस्थितौ |
ज्ञात्वा शास्त्रोक्तं कर्म कर्तुमिहर्षि

Translation

इसलिए क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए? यह निश्चित करने के लिए शास्त्रों में वर्णित विधानों को स्वीकार करो और शास्त्रों के निर्देशों व उपदेशों को समझो तथा फिर तदानुसार संसार में अपने कर्तव्यों का पालन करो।