स्कंद पुराण हिंदी में पढ़ें

skand-puran

परिचय:

स्कंद पुराण महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 महापुराणों में से एक है।

इसमें 6 खंड हैं और इसमें 81,000 श्लोक हैं।

7वीं शताब्दी के आसपास रचा गया।

महत्त्व:

भारत के पवित्र स्थलों, विशेषकर शैव और वैष्णव तीर्थ स्थलों पर ध्यान केंद्रित करता है।

अनुष्ठानों, पूजा पद्धतियों और इन स्थलों के भौगोलिक विवरण का वर्णन करता है।

सामग्री अवलोकन:

छह खंडों में विभाजित:

  • महेश्वर खंड
  • वैष्णव खंड
  • ब्रह्म खंड
  • काशी खंड
  • अवंती खंड
  • रेवा खंडा

महेश्वर खंड:

शुरुआत होती है केदारनाथ की कथा से।

कहानियों में दक्ष का बलिदान, समुद्र मंथन और शिव-पार्वती का विवाह शामिल हैं।

वैष्णव खंड:

पृथ्वी और वराह के बीच संवाद, मार्कंडेय की कहानियाँ, और पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों का वर्णन।

ब्रह्म खंड:

सेतु की महत्ता, दर्शन का पुण्य तथा विभिन्न तीर्थों के माहात्म्य का वर्णन।

काशी खंड:

विंध्य पर्वत की कहानी, काशी की महिमा और वहां शरीर त्यागने के गुणों का वर्णन करता है।

अवंती खंड:

महाकाल की कथा, अग्नि की उत्पत्ति और विभिन्न तीर्थ स्थलों की खूबियों पर चर्चा की गई है।

रेवा खंड:

पुराण के सार का विवरण और इसमें देवताओं, अनुष्ठानों और पवित्र स्थानों के बारे में कहानियाँ शामिल हैं।

विषय-वस्तु:

सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार का ज्ञान समाहित है।

धर्म, भक्ति, योग, ज्ञान और नैतिक आचरण पर जोर देता है।

शिव की महिमा, कार्तिकेय के जन्म और सती के चरित्र की कहानियों पर प्रकाश डाला गया है।

प्रभाव:

स्कंद पुराण हिंदू परिवारों का एक अभिन्न अंग है, जो अनुष्ठानों, परंपराओं और त्योहारों को प्रभावित करता है।

यह आख्यानों, अनुष्ठानों और त्योहारों को प्रस्तुत करके हिंदू संस्कृति में योगदान देता है।