प्रश्नोपनिषद अथर्ववेदीय शाखा के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण उपनिषद है, जो संस्कृत भाषा में लिखी गई है। इस उपनिषद के रचयिता को वैदिक काल के ऋषियों में माना जाता है, लेकिन मुख्यत: वेदव्यास जी को कई उपनिषदों का लेखक माना जाता है। इस उपनिषद के प्रवक्ता आचार्य पिप्पलाद थे, जिन्होंने कदाचित् पीपल के गोदे खाकर जीते थे। इसका रचनाकाल संहिताओं के बाद का माना जाता है।
शाखा: यह उपनिषद अथर्ववेदीय शाखा के अन्तर्गत आती है।
रचनाकाल: इसका रचनाकाल संहिताओं के बाद माना जाता है, लेकिन यह निश्चित नहीं है।
लेखक: प्रवक्ता आचार्य पिप्पलाद के रूप में जाना जाता है, जो एक प्रसिद्ध ऋषि और आध्यात्मिक गुरु थे।
प्रश्नोपनिषद वेदांत और ध्यान की महत्वपूर्ण उपनिषदों में से एक है, जो आत्मज्ञान और आध्यात्मिक विकास के मार्ग को साधकों के सामने प्रस्तुत करती है। इस उपनिषद में जीवन के महत्वपूर्ण प्रश्नों का विवेचन किया गया है और आध्यात्मिक ज्ञान के गहरे अर्थ को समझाने का प्रयास किया गया है।