अध्याय
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वेद
पुराण
उपनिषद
भाषा
English
हिंदी
ગુજરાતી
Bhagavad Gita 6.15
युञ्जन्नेवं सदात्मानं योगी नियतमानस: |
शान्तिं निर्वाणपरमां मत्सन्स्तमधिगच्छति
Translation
इस प्रकार मन को संयमित रखने वाला योगी मन को निरन्तर मुझमें तल्लीन कर निर्वाण प्राप्त करता है और मुझे में स्थित होकर परम शांति पाता है।