Bhagavad Gita 4.15
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभि: |
कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वैः पूर्वतरं कृतम्
Translation
इस सत्य को जानकर प्राचीन काल में मुक्ति की अभिलाषा करने वाली आत्माओं ने भी कर्म किए इसलिए तुम्हे भी उन मनीषियों के पदचिह्नों का अनुसरण करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।