Bhagavad Gita 3.30

मयि सर्वाणि कर्माणि संन्यस्याध्यात्मचेतसा |
निराशिर्निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वर:

Translation

अपने समस्त कर्मों को मुझको अर्पित करके और परमात्मा के रूप में निरन्तर मेरा ध्यान करते हुए कामना और स्वार्थ से रहित होकर अपने मानसिक दुखों को त्याग कर युद्ध करो।