अध्याय
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वेद
पुराण
उपनिषद
भाषा
English
हिंदी
ગુજરાતી
Bhagavad Gita 18.20
सर्वभूतेषु येनैकं भावमव्यमीक्षते |
अविभक्तं विभक्तेषु तज्ज्ञानं विद्धि सात्त्विकम्
Translation
जिस ज्ञान द्वारा कोई नाना प्रकार के सभी जीवों में एक अविभाजित अविनाशी सत्य को देखता है उसे सत्वगुण प्रकृति ज्ञान कहते हैं।