Bhagavad Gita 11.1

अर्जुन उवाच |
मधुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् |
यत्त्वयोक्तं वाचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम

Translation

अर्जुन ने कहा! मुझ पर करुणा कर आप द्वारा प्रकट किए गए परम गुह्य आध्यात्मिक ज्ञान को सुनकर अब मेरा मोह दूर हो गया है।