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वेद
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उपनिषद
भाषा
English
हिंदी
ગુજરાતી
Bhagavad Gita 10.30
प्रह्लादश्चास्मि दैत्यानां काल: कलयतामहम् |
मृगाणां च मृगेन्द्रोऽहं वनतेयश्च पक्षिनाम्
Translation
दैत्यों में मैं प्रह्लाद हूँ और दमनकर्ताओं में मैं काल हूँ। पशुओं में मुझे सिंह मानो और पक्षियों में मुझे गरूड़ जानो।