अध्याय
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वेद
पुराण
उपनिषद
भाषा
English
हिंदी
ગુજરાતી
Bhagavad Gita 10.2
न मे विदु: सुरगना: प्रभवं न महर्षय: |
अहमादिर्हि देवानां महर्षिणां च सर्वश:
Translation
न तो स्वर्ग के देवता और न ही महान ऋषि मेरी उत्पत्ति या वैभव को जानते हैं क्योंकि मैं ही सभी देवताओं और महान ऋर्षियों की उत्पत्ति का उद्गम हूँ।